वाह रे वक्त…अपने भी न रहे अपने: राजधानी के वृद्धाश्रमों में बुजुर्गों की तेजी से बढ़ी संख्या, संकट में पड़ा प्रबंधन, परिजनों से कर रहा ये अपील

रायपुर। कोरोना और लॉकडाउन की वजह से रायपुर के वृद्धाश्रमों में बुजुर्गों की संख्या बढ़ी है. अब तक कई आवेदन लंबित भी हैं, जिसे समाज कल्याण विभाग द्वारा अनुमति नहीं प्रदान की जा रही है. विभाग द्वारा एक कमेटी का गठन भी किया गया है. टीम लोगों के घर जाकर वृद्धजनों की वास्तविक स्थिति का जायजा लेती है.

टीम बुजुर्गों के घरवालों को भी ये समझाइश दी जा रही है कि अगर वे अपने घर पर बुजुर्गों की देखरेख कर सकते हैं, तो उन्हें वृद्धाश्रम न भेजें. समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित सियान कुटी में 15 बुजुर्गों ने हाल ही में प्रवेश किया है.

वृद्धाश्रम की नोडल अधिकारी लक्ष्मी माला मेश्राम ने कहा कि वर्तमान में वृद्धजनों की संख्या 38 है, अभी भी आवेदन आ रहे हैं, जिनके परिवार में बुजुर्गों का पालन पोषण करने वाले हैं. वे लोग भी वृद्धाश्रमों के लिए आवेदन करते है. ऐसे वृद्ध जनों को रखने से पहले उनके परिवार को समझाइश दी जा रही है.

वृद्ध भरत लाल साहू ने कहा कि कुछ काम नहीं है, और लॉकडाउन भी, कोरोना काल में खर्च चलाना मुश्किल है, कहकर बेटे ने घर से निकाल दिया, भरत लाल 1 महिने पहले ही वृद्धाश्रम पहुंचे हैं. रायपुर में लाखे नगर के निवासी वीरेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि वे ड्राइवर का काम करते थे, लेकिन कोरोना की वजह से नौकरी छूट गई. उनका एक पैर भी काम नहीं कर रहा है, वे ढ़ाई माह पहले ही यहां आए है, अब तक घरवालों ने सुध नहीं ली.

रायपुर के सदर बाजार में रहने वाली मालती का कहना है कि उनके पैर में चोट लगी, घरवालों ने घर से निकाल दिया बीते एक वर्ष से वे वृद्धाश्रम में रह रही हैं, लेकिन अब तक परिवार से कोई मिलने नहीं आया, सब अपने काम में काफी व्यस्त हैं.

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